Devendra's Blog
Thursday, February 25, 2010
just like that
आजकल जिंदगी कुछ खफा सी है
ये नहीं पता, हम जिंदगी से खफा है
या जिंदगी हमसे!
आजकल आँखों से आंसू नहीं आते
ये नहीं पता, सैलाबों की कमी है,
या वो जम गए, जिंदगी के ठहराव में!
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